कर्म और लक्ष्य

जानवर हमेशा बेजुबान होते हैं। और हम उनकी इसी बेजुबानी का फायदा इस तरह उठाने लगते हैं कि वो बस सहते रहते हैं। सहते रहते हैं। एक बार एक इंसान को घोड़े पालने का बहुत शौक था। उसके पास 7…
जानवर हमेशा बेजुबान होते हैं। और हम उनकी इसी बेजुबानी का फायदा इस तरह उठाने लगते हैं कि वो बस सहते रहते हैं। सहते रहते हैं। एक बार एक इंसान को घोड़े पालने का बहुत शौक था। उसके पास 7…
बार एक किसान था, वह हमेशा अपने खेत जोतता और भगवान से प्रार्थना करता कि है भगवान खेत जोत दिया है, बारिश कर देना।गांव में बारिश हो जाती और सभी की अच्छी फसल होती। पूरा गांव खुश रहता। यह सब…
जब वो छत पर चढ़ कर चिल्ला रहा था।मुझे बचा लो।मुझे बचा लो।में मर रहा हूं।तब उसे बचाने के लिए हजारों की भीड़ जमा थी,नीचे।जब वो यही बात, एक-एक कर सबको बोल रहा था।मुझे बचा लो।मुझे बचा लो।में मर रहा…
हो ख्वाहिश गर जीने की तो जीना। हो ताकत काबिल बनने की तो बनना। रह लेंगे हम जैसे तैसे तू अपना वक्त बदलना। जाना पड़े गर कभी छोड़कर हमे तो जाना। मगर बस वही से दो बातें कर लिया करना।…
हमारा मस्तिश्क एक कल्पवृक्ष के समान है।जिसका हम हमारे आत्मविश्वास ओर विचारो के आधार पर प्रयोग करते हैं।हमारी सभी प्रक्रिया पहले हमारे मस्तिश्क में आती है।जिन्हे हम विचारो का रूप देते हैं।फिर हम उस प्रक्रिया के बारे में सोचते हैं।…
हमे हमारी परेशानिया ये ना सिखाया पाये।कि जीवन में महत्वपूर्ण क्या है।सही क्या है.गलत क्या है।तो समझना कि अभी लाइफ से बहुत कुछ सीखना बाकी है। अक्सर लाइफ में हमें छोटी छोटी चीजें स्वीकार करनी पड़ती हैं। और आगे बढ़ना…
दीवारो के भी कान होते है।ये शब्द हमने लोगो से बहुत बार सुना है। “धीरे बोलो कोई सुन लेगा आजकल दीवारो के भी कान होते है।”इसलिये ये बिलकुल सत्य कहा है। क्यूकी हम जो भी शब्द किसी को कहते है।चाहे…
इस दुनिया की सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक होती है माँ RITURAJ SHARMA
भरोसा कांच की तरह होता है। जिस दिन वो टूटता है। बहुत जोर से आवाज करता है । क्योंकि सबको डर होता है जब तक ये पूरा था । सबको उसकी असलियत तो बताता था । मगर आज टूटा तो…