लोग क्या कहेंगे ?

जानवर हमेशा बेजुबान होते हैं। और हम उनकी इसी बेजुबानी का फायदा इस तरह उठाने लगते हैं कि वो बस सहते रहते हैं। सहते रहते हैं। एक बार एक इंसान को घोड़े पालने का बहुत शौक था। उसके पास 7…
हमारा मस्तिश्क एक कल्पवृक्ष के समान है।जिसका हम हमारे आत्मविश्वास ओर विचारो के आधार पर प्रयोग करते हैं।हमारी सभी प्रक्रिया पहले हमारे मस्तिश्क में आती है।जिन्हे हम विचारो का रूप देते हैं।फिर हम उस प्रक्रिया के बारे में सोचते हैं।…