दीवारो के भी कान होते है।
ये शब्द हमने लोगो से बहुत बार सुना है।
"धीरे बोलो कोई सुन लेगा
आजकल दीवारो के भी कान होते है।"
इसलिये ये बिलकुल सत्य कहा है।
क्यूकी हम जो भी शब्द किसी को कहते है।
चाहे वो अच्छे हो चाहे बुरे।
वो शब्द किसी ना किसी रुप मी ब्रम्हांड मे गुंज रहे होते है तभी तो कहते है हमारे शब्दो मे हमारे विचारो में बहुत ताकत होती है
इसीलिये हमेशा अच्छे शब्दों का प्रयोग करो। क्योंकि ये शब्द भी लौटकर हमारे पास आते हैं।
जब हम एकांत में बैठकर खुद से बात करते हैं तब हमारे मन में जो भी विचार चल रहे होते है।
तब हम बाहर की दुनिया छोड़ अपने अंदर की दुनिया में जी रहे हैं।
RITURAJ SHARMA