ये जीवन एक कहानी है,हम हमारे पुरखो की निशानी है।
जिन्हे पता नहीं खुद का, उन्हें बता देता हु में।
उनके किये कर्मो का फल है हम,और अब हमारे कर्मो की बारी है।
ये जीवन एक कहानी है।
सोचो हमारे कर्मो का फल क्या होगा, इस जीवन से अच्छा जीवन क्या होगा।
क्या अच्छा क्या बुरा किया,हमने ये कौन हमें समझायेगा।
यहाँ खुद ज्यादा से खुद को कौन समझ पायेगा।
ये जीवन एक कहानी है,हम हमारे पुरखो की निशानी है।
क्यों दूर हो रहे रीती-रिवाजो से परिवारों से,क्यों नियम हम तोड़ रहे और फिर जोड़ रहे संस्कारो से।
ये जीवन एक कहानी है,हम हमारे पुरखो की निशानी है।
by rituraj