छोड़ो बीते कल को तुम नए कल की शुरुवात करो।
जो बीत गया उसे छोड़,एक नए युग की शुरुवात करो।।
जो था ही नहीं तुम्हारा ,उसे सोच क्यों आज को बर्बाद करो।
छोड़ो बीते कल को तुम नए कल की शुरुवात करो।
जो बीत गया उस कल को न फिर तुम याद करो।
नए सवेरे के साथ ,तुम आज फिर से नयी शुरुवात करो।
छोड़ो बीते कल को तुम नए कल की शुरुवात करो।
ये न सोचो की क्या गलत क्या सही किया तुमने।
जो लिखा था किस्मत में बस वही किया तुमने।
छोड़ो बीते कल को तुम नए कल की शुरुवात करो।
by rituraj