कभी कभी जब जिंदगी समझ ना आए न।
by rituraj
मन परेशान हो मुश्किलें सामने हो ।
तब जाकर देखना अपने पास के किसी हॉस्पिटल में या शमशान में
वहा आपको आपसे कम उम्र के लोग भी मिलेंगे और ज्यादा उम्र के भी तब अपने आपसे प्र्शन करना की आपकी परेशानियां और मुश्किल ज्यादा बड़ी है। या उनकी।
कहते है ना पत्नी सुख दुख की साथी होती है ।
अगर जीवन में हर जगह साथ देने वाली पत्नी मील जाए तो जीवन में किसी भी मुश्किल से आसानी से लड़ा जा सकता है चाहे वह मुस्किल कितनी भी बड़ी क्यो न हो।
एक बार एक आदमी था बहुत मेहनती था उसकी पत्नी भी बहुत मेहनती थी वह उसका हमेशा साथ देती हर सुख दुख में दोनो एक दूसरे के साथ होते कोई भी डिसीजन लेते तो दोनो एक दूसरे से सलाह करके निर्णय लेत। दोनो के बीच बहुत अच्छा तालमेल था। अपनी मेहनत और लगन से उसने एक छोटा सा बिजनेस स्टार्ट किया और उस पर दिन रात मेहनत करता रहा ।और उस मेहनत का फल ये मिला की उसका बिजनेस बहुत बड़ा हो गया ।
और वह बहुत खुश रहता बहुत पैसे आते उसके मां बाप भी बहुत खुश थ। की उनका बेटा अच्छे पैसे कमा रहा है उसका व्यापार अच्छा चल रहा है और वो खर्च भी बहुत करता। कभी नई कार ले आता कभी अपनी पत्नी बच्चो को घुमाने ले जाता कभी अपने दोस्तो मित्रो के साथ घूमने जाता और सब के साथ खूब पैसे खर्च करता। और एक अच्छी जिंदगी जीता ।उसने कभी आने वाले समय के लिए नहीं सोचा बस आज के समय में जिया।जैसा सब बोलते है न आज में जिओ,आज में जिओ कल किसने देखा। शायद उसने भी यही सोचा मगर युनिवर्स को नहीं समझ पाया की आज मेसे कुछ कल के लिए भी रखना होता है।।अपने आने वाले समय के लिए भी आज मेसे कुछ हिस्सा आने वाले समय के लिए रखना होता है। ऐसे ही सब कुछ अच्छा चल रहा था। तो उसने मन में ये सोच लिया था की अब उसे पीछे मुड़ कर कभी नही देखना पड़ेगा और आगे का जीवन भी ऐसे ही अच्छे से चलता रहेगा। फिर एक बार एक प्राकृतिक घटना हुई ।और एक भयानक बीमार आई ।जो लोगो को एक दूसरे के छूने से फैलती थी।लोग एक दूसरे से दूर रहने लगे ।कोई किसी का अपना भी होता तो उसे पहले उसे खुद की जान प्यारी लगती । इंसान इंसान से दूर होने लगा। अगर कोई एक को छूता और अगर वह बीमारी उसको होती तो उसके छूने से दूसरे को भी हो जाती।
उस बीमारी मे कुछ समय के लिए घर में ही रहना पड़ता ।और कुछ दिन एक कमरे में खुद को अकेले बंद कर लेना ही उसका उपाय था।यह बीमारी लगभग दो महीने चली सारे बाजार बंद रखने पड़े और लोगो को घर में ही बंद रहना पड़ा। और फिर जब दो महीने बाद बाजार फिर से शुरू हुए तो बहुत से लोगो के व्यापार ठप्प हो गए। इसी वजह उस आदमी का व्यापार भी ठप्प हो गया। और अब उसे वो व्यापार फिर से शुरू करना था। मगर उसे तो उसे अपने पुराने समय में रहने की आदत हो चुकी थी। और उसने पुराना कुछ जोड़ा भी नही था। जिससे वह व्यापार को फिर से शुरू कर सके।और परिवार का खर्चा चला सके। अब वह परेशान रहने लगा था। और फिर कभी भगवान को दोष देता,कभी रिश्तेदारों को, कभी अपने मां बाप को, तो कभी अपने दोस्तो को ।वह लोगो और दोस्तो से दूर रहने लगा था। उसे लगता की इस मुश्किल समय में कोई उसका साथ नही दे रहा उसे उसका अतीत याद आने लगा।की वह किस तरह सबके साथ समय बीताता था। उसके दोस्त भी उसकी हालत समझ चुके थे। वह दोस्तो से मदद मांगता तो कुछ दोस्त तो मदद कर देते मगर कुछ उसकी हालत देखकर दूर ही रहना पसंद करते।
अब उसे वही सब याद आने लगा था और सोचने लगा था की अगर वह उस समय कुछ सेविंग करता तो आज उसे इस मुश्किल समय से लड़ने में सहायता मिल जाती ।
फिर वह अपने गुरु के पास गया उन्होंने उसका चेहरा देखकर उससे पूछा क्या हुआ। क्यो परेशान हो। तब उसने उन्हे एक एक करके सब कुछ बता दिया। यह भी की अब वह कितना परेशान हो रहा है। कभी नेगेटिव बातें करता कभी पॉजिटिव कभी कुछ और काम करने की सोचता तो कभी शहर छोड़ के जाने की बात करता। वह गुरु जी से सब कुछ बोलता रहा और गुरु सब कुछ ध्यान से उसकी तरफ देखकर सुनते रहे। फिर सब कुछ बोलने के बाद जब वह चुप हो गया तो गुरु जी बोले ।की अब तुम्हे जीवन का ज्ञान हो चुका है।परिस्थितियां और परेशानियां तो आज और कल आती जाती रहेंगी बदलती रहेंगी यही तो प्रकृति का नियम है ।
बस हमे हमारे मन और मस्तिष्क को काबू में करना आना चाहिए।
ये सब जो तुमने बताया है ।सोचो ये सब क्या तुम्हारे अकेले के साथ ही हो रहा होगा। ये मन हमे पल पल में विचलित करता है कभी डराता है तो कभी अच्छा महसूस करवाता है।
इस मन को शांत करो।अगर तुम इस मन को शांत करलोगे खुद को समझ लोगे। तो फिर तुम्हे कोई परेशानी चाहकर भी परेशान नही कर पाएगी।ये सारा खेल हमारे विचारो का है ।हमारे मस्तिष्क में नेगेटिव विचार जब हावी होने लगते है। तो हम उन विचारो को हमारी उस दुनिया मे देखने लगते है।जहा हम सांस ले रहे है।ये जीवन तो ऐसे ही चलेगा कभी अच्छा वक्त लायेगा तो कभी बुरा। कभी अपने पराए लगने लगेंगे तो कभी पराए अपने । इस जीवन को समझना तब आसान लगेगा जब हम हमारी परिस्तिथियो के हिसाब से चलना शुरू करेंगे।जब तुम खुश थे व्यापार अच्छा चल रहा था तो उस समय के हिसाब से जी रहे थे।अब आज की परिस्थी को देखकर जियो।और मन और मस्तिष्क को खुश रखो।
यह सब सुनकर उस आदमी को सब कुछ समझ आगया। और वह गुरु की बातो को समझ गया ।
और गुरु से आशीर्वाद लेकर घर चला गया।
हमारा जीवन भी ऐसा ही है जैसा समय हो उसके हिसाब से जीना और उस समय में खुश रहना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
और आगे बढ़ते रहने के लिए हमेशा मेहनत करते रहना चाहिए।
जिनमे जीरो से स्टार्ट करने का दम होता है ना वो कभी हार नही मानते ओर आगे बढ़ते रहते है।
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ये कुछ affirmation है। जो रोज उठने के बाद आपको खुद से करनी है।
में खुश हु ।
मेरा मन शांत है ।
मेरी लाइफ बहुत अच्छी है ।
में एक खुश इंसान हु।
में हमेशा पॉजिटिव सोचता हु।
में हमेशा सही हु।
में वक्त के साथ चलता हु।
मेरे लिए सब कुछ करना आसान है ।
में सफल हु ।
मेरी अच्छाई हमेशा मेरे साथ है।
में जो सोचता हु वही होता है।
मेरी सोच बहुत अच्छी है।
मेरे लिए कोई भी प्रोब्लम बड़ी नही है।
में हमेशा अच्छे लोगो के साथ रहता हु।
मेरा ध्यान मेरे आने वाले दिनों की अच्छाई और साकरात्मकता पर है