उम्मीदों ने उन्हें चक्रव्यूह में बांध लिया था।

दोनों की उम्मीदों ने उन्हें अपने चक्रव्यूह में बांध लिया था।
उन्हें लगता था। दोनों में से कोई भी एक दूसरे को कभी छोड़कर नहीं जायेगा।
वो दोनों और उनकी खुशियां हमेशा एक साथ रहेंगी।
लेकिन एक दिन उनकी उम्मीदों का चक्रव्यूह टूट गया।
ओर उन सभी रिश्तों को भी साथ ले गया जो पहले जैसे थे।
जिस दिन आपका ये अहसास हो.
कि आप किसी के लिए कोई मायने नहीं रखते.
उस दिन उस जगह से चुप चाप रहकर निकल जाना।
क्योंकि आप हर किसी को यहाँ सफ़ाई देने नहीं आये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)