इस दुनिया की सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक होती है माँ।

इस दुनिया की सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक होती है माँ

इस दुनिया की सबसे बड़ी मनोवैज्ञानिक होती है माँ।
मेरे बिना कुछ बोले ही मेरी हर बात समझ लेती है। 
मेरा चेहरा देखकर ही वो सब कुछ पढ़ लेती है।
राहु अगर डर उसे तो मेरी बातों से ही मेरा हाल जान लेती है।
मेरी माँ मेरी खुशियों के लिए अपना सम्मान नहीं देखती।
मेरी मां मेरी मुस्कुराहट के लिए गलत है या सही नहीं समझती।

RITURAJ SHARMA

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