यहाँ लोग अब मुझे जीने नहीं देते।
पूछते है मुझसे की क्या हुआ तेरी मोहब्बत का।
और हॅसते है। यु तेरे छोड़ जाने की बात कहकर।
ये लोग मेरी सांसे छीन लेना चाहते है।
तेरी बातो का सहारा लेकर। अब कुछ कह भी तो नहीं सकता इन्हे।
की तेरी मजबूरियां रही होंगी।
अभी भी होंगे कुछ बैठे यहाँ।
जो मेरी मोहब्बत का मजाक बना रहे होंगे।
यहाँ लोग अब मुझे जीने नहीं देते।
पूछते है मुझसे की क्या हुआ तेरी मोहब्बत का।
ये लोग इसे फिर से हुआ एक धोखा बता रहे है।
खुशियों के साथ हुआ एक समझौता बता रहे है।
यहाँ लोग अब मुझे जीने नहीं देते।
पूछते है मुझसे की क्या हुआ तेरी मोहब्बत का।