गूंगी लड़की की कहानी ।

  • कई बार हमें जिंदगी के बड़े फैसले लेने होते है। हम किसी को कुछ बोलना चाहते है। समझाना चाहते है मगर समझा नहीं पाते हम पूरी कोशिश करते है। की हम हमारे मन की बात सामने वाले इंसान को समझा पाए। और कई बार ऐसा भी होता है की समझाना कुछ चाहते है। और वह इंसान समझ कुछ और जाता है। और फिर समय निकलने के बाद हम पूरी जिंदगी पछताते रहते है।
एक बार की बात है एक गूंगी लड़की होती है। वह बोल नहीं पाती। और इसी वजह से वह कभी खुश भी रह पाती और उसकी लाइफ में सबसे बड़ी समस्या ये होती है की उसके माता पिता भी नहीं उसकी बातो को नहीं समझ पाते। और हमेशा असमंजस की स्तिथि बनी रहती। वह बोलना कुछ और चाहती और लोग समझ कुछ और जाते। और यह सब उसके साथ बचपन से चलता रहता। और वह बहुत परेषान होती। इसकी वजह से उसे कई जगह बहुत से सैक्रिफाइस भी करने पड़ते। वो इशारे से कुछ और समझाना चाहती मगर सामने वाला कुछ समझ जाता। वह बस यही सोचती की उसकी लाइफ में कब कोईउसे समझेगा। इसी तरह वक्त गुजरता गया। और वह लड़की अब बड़ी होकर शादी लायक हो रही थी। उसके माता पिता बहुत परेशन होते जब भी कोई रिश्ते दार या पडोसी आता बस वह यही बात करता और उसके माता पिता सोचते की जब हम इसकी बात सही से नहीं समझ पाते तो जिसके साथ उसकी शादी होगी तो कैसे समझेगा । बस यही सोचते रहते और एक अच्छा लड़का ढूढ़ने में लगे रहते।अब जब भी की लड़का आता वह लड़की उस लड़के के बारे में समझाती कुछ और, और उसके माँ बाप समझ कुछ और जाते। और लड़के को मना  करदेते। अब लड़की और परेशां होती की और माता - पिता सोचते की लड़की जान भुज कर शादी नहीं करना चाहती और उसे रोज समझाते कभी बोलते की लड़की है शादी तो करनी पड़ेगी कब तक हमारे साथ रहेगी सब लड़कियों को करनी पड़ती है। कभी क्या कभी क्या। अब लड़की ये सब देखकर और सुनकर और ज्यादा परेषान होने लगती और सोचती है की अब वो कुछ बोलेगी ही नहीं और फिर एक दिन एक बहरा लड़का उसे देखने आता है।जो की सुन नहीं सकता। उसकी अच्छी नौकरी होती है बड़ा घर होता है।और उसके माता पिता को लड़का पसंद आजाता है। और वह लड़की को दिखा कर उसकी मर्जी पूछते है।अब लड़की परेशां  होकर चुप चाप अपना सर झुका देती है।और फिर यही समझा जाता है की लड़की ने हां करदी। अब लड़की और परेशन होती है और सोचती है की जब मुझे लड़के पसंद आरहे थे तो कोई नहीं समझा और आज मेरे सर झुकाने से सबने उसे हां समझ लिया।अब उस लड़के से उस लड़की शादी पक्की हो जाती है। और कुछ समय बाद दोनों की शादी भी हो जाती है। अब वह लड़की बस इसी तरह पूरी जीवन परेशान रहती उस लड़की को कोई नहीं समझ पाता वो समझाना कुछ और चाहती और समझ कुछ और जाता। अब वह लड़की मन ही मन यह मान चुकी थी की उसकी पूरी लाइफ ही ऐसी है। और इसी के साथ पूरा जीवन निकलना है। और इसी तरह उसका जीवन उसकी खुशिया बस औपचारिकताओ से भर जाता है।

आज भी हमारे जीवन में इस तरह की बहुत सी धारणाये है। जिन्हे हम समाज के डर से किसी के जीवन में इस तरह भार दाल देते है। आज भी बहुत से परिवारों में लड़के लड़की में फर्क समझा जाता है।

लड़की चाहिए होती है गरीब घर की। और लड़का चाहिए होता है अच्छा पैसे कमाने वाला।

ये सब हमारी सोच का फर्क है। हम बोलते तो है की ज़माना बदल गया हमारी सोच भी बदल गई। मगर ये सब बस बात करने में और बोलने में अच्छा लगता है असल जिनदगी में सच्चाई कुछ और ही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)