समय और धैर्य

एक बार एक साधु नदी के किनारे तपस्या कर रहा होता है। और जोर जोर से चिल्ला रहा होता है। जो चाहोगे वो पाओगे। जो चाहोगे वो पाओगे।जो भी गाँव वाला वहां से निकलता उसे पागल समझ कर आगे निकल जाता। ऐसा बहुत दिनों तक होता रहा। फिर एक दिन एक लड़का वहां से निकल … Continue reading समय और धैर्य