एक बार एक इंसान ने भगवान से पूछा की भगवान ये प्रेम क्या होता है। तो भगवान ने कहा प्रेम प्रतीक्षा है।
तो उस पर इंसान बोला की प्रतीक्षा करते हुए उसका पूरा जीवन निकल गया तो।
तो भगवान ने बड़े आसान तरीके से जवाब दिया की इसी को सच्चा प्रेम कहते है।जिसमे कोई चाह न हो बस प्रेम हो।पूरा जीवन बस प्रतीक्षा करते रहना।उसके साथ बिताए उन पलों उन यादों के साथ।जिनके साथ वो कभी जिया करते थे।
तो इंसान ने सवाल किया की लोग क्या कहेंगे।केसे जीने देंगे उसे।
तो भगवान बोले यही तो मन की परीक्षा है।यही एकांत है।क्युकी उसने खुद उसे चुना है किसी से उम्मीद लगाकर उसे अपने मन में सजा कर।यह हर कोई थोड़े समय के लिए है।कितना ही बोल लेंगे एक समय बाद उनको भी उस इंसान के मन की आवाज सुनाई देगी।और वो खुद ही चुप हो जायेंगे।
बस उस स्तिथि तक खुद को संभाले रखना और चुप चाप अपना शांत जीवन जीते रहना ।